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  स्वयं बैनर

स्वयं

हमारे लक्ष्य

देश भर में एचपीसीएल की महिलाओं को अपनी नियति का उत्‍तरदायित्‍व लेने, स्‍वयं रोपित बंधनों से मुक्‍त होने एवं अपने उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। उन्‍हें अपराध से मुक्‍त कर महत्‍वाकांक्षी बनाना है।

स्वंय- जीवन दर्शन की ओर झुकाव

 

गतिशील एवं प्रतिक्रियाशील मंच

महिला अधिकारियों के बीच संचार और नेटवर्किंग को प्रोत्‍साहित करना।

 

प्रगति के लिए आत्मनिर्भरता

साथी महिला सहकर्मियों में परामर्श और प्रायोजन की भावना को प्रोत्साहित करना।

 

संगठनात्मक प्रतिबद्धता

एचपी फर्स्ट मूल्यों को स्थायित्व प्रदान करने एवं कॉर्पोरेशन के लक्ष्‍यों की प्राप्ति के लिए बहुमूल्य योगदान में बढ़ोतरी करना

 

प्रतिभा पूल और नेतृत्व पाइपलाइन के लिए संधारणीय प्रेरणा

कार्य केंद्रित सक्षमता निर्माण में प्रभावशीलता को सक्षम करने के लिए संरचित समर्थन प्रणाली प्रदान करना।


नीतियां

शिशु देखभाल अवकाश

  • एचपीसीएल ने महिला कर्मचारियों को अपने 5 वर्ष के आयु के बच्चों की देखभाल करने की सुविधा के तौर पर महिला कर्मचारियों के लिए शिशु देखभाल अवकाश की व्‍यवस्‍था प्रारंभ की है। महिला कर्मचारियों को अपने पूरे सेवा काल के दौरान दो बार 730 कैलेंडर दिनों तक शिशु देखभाल अवकाश का लाभ उठा सकती हैं और यह सुविधा प्रथम दो बच्चों तक ही सीमित है

दत्तक ग्रहण अवकाश

  • एचपीसीएल ने कानूनी रूप से बच्चों को गोद लेने वाली महिला कर्मचारियों के लिए दत्तक ग्रहण अवकाश की सुविधा प्रारंभ की है। 3 माह से कम आयु के बच्चे को गोद लेने के लिए अधिकतम 84 दिन की छुट्टी और 3 माह से अधिक लेकिन 5 साल से कम आयु के बच्चे के लिए 60 दिनों की छुट्टी ली जा सकती है।

सरोगेसी अवकाश

  • एचपीसीएल ने सरोगेसी के माध्यम से महिला कर्मचारियों को बच्चा प्राप्त करने के मामले में सरोगेसी अवकाश भी प्रारंभ किया है। इसके लिए अधिकतम 84 दिन का अवकाश स्वीकृत किया जाता है।

"कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम, 2013 और उसके अध्ययीन निर्मित नियमों के अधिनियमित होने पर आदर्श नियोक्‍ता होने का सुनिश्‍चय करने के लिए कॉर्पोरेशन के प्रत्‍येक कार्यस्‍थलों पर दिनांक 15/05/2014 को व्यापक दिशानिर्देश जारी किए गए थे और तब से इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन का सुनिश्‍चय कड़ाई से किया जा रहा है। "कार्यस्‍थल पर किसी भी महिला के प्रति यौन उत्पीड़न के किसी भी कृत्‍य" को सीडीए नियमों में कदाचार के रूप में शामिल किया गया है और "कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के किसी भी कृत्‍य" को विपणन प्रतिष्ठानों, मुंबई और विशाख रिफाइनरी के स्थायी आदेशों में कदाचार के रूप में शामिल किया गया है। इसके संबंध में किसी भी शिकायत पर उक्त नियमों के अंतर्गत दोषी (जो कॉर्पोरेशन का एक कर्मचारी है) के खिलाफ आंतरिक जांच कार्रवाई की जाती है।

कारखाना अधिनियम और दुकान एवं स्थापना अधिनियम के अंतर्गत महिलाओं के काम के घंटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है (महिला कर्मचारियों के लिए काम के उपयुक्त घंटे जारी किए गए हैं)। कार्यस्‍थल पर महिला कर्मचारियों की उपयुक्‍त कार्य अवसंरचना की व्‍यवस्‍था करने का भी सुनिश्‍चय किया गया है।

एचपीसीएल मासिक धर्म के दौरान महिला कर्मचारियों के लिए विशेष दिवस की छुट्टी लागू करने वाला सार्वजनिक क्षेत्र का पहला उपक्रम है। रात की पारी में काम करने वाली महिला अधिकारी की ड्यूटी यदि मासिक धर्म के काल के दौरान आती है तो वे प्रत्‍येक माह विशेष ड्यूटी ऑफ का लाभ उठा सकती हैं। यह अवकाश कर्मचारियों के लिए लागू होने अन्य सभी अवकाशों के अतिरिक्त है।

पहल

स्पर्श एक स्वस्थ मातृत्व कार्यक्रम है जिसके अंतर्गत महिला कर्मचारियों और पुरुष कर्मचारियों के जीवनसाथी के लिए मुफ्त मनोवैज्ञानिक कोचिंग सेवा प्रदान की जाती है। इस पहल ने कामकाजी जीवन के साथ मातृत्व को एकीकृत करने की दिशा में मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवा और स्वयं सहायता संसाधनों की प्रस्‍तुति से करके कामकाजी माताओं के स्‍वास्‍थ्‍य को बेहतर बनाया जा सका है। महिला कर्मचारियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को और अधिक सहायता प्रदान करने के लिए क्रेच जैसी सहायक अवसंरचना की स्थापना की गई है। क्रेच महिला कर्मचारियों को उनके बच्चे के जन्म के तुरंत बाद काम पर लौटने और उनके बच्चों के बढ़ते वर्षों में उनका समर्थन करने में सक्षम बनाता है।

परामर्श कर्मचारियों के लिए उपलब्ध एक 'विश्वसनीय परामर्श' कार्यक्रम है। तनाव और चिंता पैदा करने वाले किसी भी क्षेत्र पर सलाह लेने के लिए टोल फ्री नंबर, ई-मेल, मोबाइल ऐप या वेबसाइट जैसी सुविधाओं से सप्ताह में 7 दिन, 24 घंटे सक्षम एवं प्रोफेशनल परामर्शदाताओं से संपर्क किया जा सकता है। ये परामर्शदाता पूर्ण सहानुभूति के साथ समस्‍या को सुनते हैं तथा निवारण के लिए व्‍यावहारिक परामर्श एवं कार्य, वैयक्तिक अथवा पारिवारिक चिंताओं से जुड़ी समस्याओं के निवारण के लिए प्रोफेशनल मार्गदर्शन प्रदान करने का इन्‍हें विशेष प्रशिक्षण प्राप्‍त हैं।

कवच के माध्यम से महिला अधिकारियों को मार्शल आर्ट सहित आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। सुरक्षा उपायों को ध्यान में रखते हुए कार्यस्थल परिसर में कई संरचनात्मक परिवर्तन किए जा रहे हैं। रात की पारी में काम करने वाली महिला अधिकारियों के लिए सीसीटीवी कैमरा सर्विलांस, सेफ्टी लॉक, सेफ्टी अलार्म, सीक्रेट अलार्म, सेफ्टी डोर, वॉशरूम और चेंज रूम, विशेष सीटिंग जोन बनाए जा रहे हैं। रिफाइनरी के भीतर और साथ ही रिफाइनरी के बाहर सड़कों पर रोशनी को कई गुना बढ़ा दिया गया है। सीआईएसएफ की महिला कर्मचारियों की तैनाती महिला कर्मचारियों के कार्यस्‍थल पर की जाती है।

निगम अपने महिला कार्यबल के प्रशिक्षण और विकास के लिए ध्‍यान केंद्रित विधि से निवेश कर रहा है। महिलाओं के लिए डिज़ाइन किए गए और भारत या विदेश में आंतरिक और बाहरी एजेंसी द्वारा संचालित केंद्रित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रतिभागिता के लिए बड़ी संख्‍या में महिला अधिकारियों को भेजा जाता है। ऐसे कार्यक्रमों में लैंगिक तटस्थ व्यवहार और तकनीकी कार्यक्रमों के अलावा अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व कार्यक्रम शामिल हैं।

एचपीसीएल अपनी महिला कर्मचारियों को डब्ल्यूआईपीएस में प्रतिभागिता करने और महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करता है। एचपीसीएल इसका एक कॉर्पोरेट सदस्य है और इसके राष्ट्रीय और क्षेत्रीय कार्यक्रमों में भाग लेता है। महिला कर्मचारियों को डब्ल्यूआईपीएस द्वारा आयोजित प्रशिक्षण/सम्मेलनों के लिए नामांकित किया जाता है और कई कर्मचारी अपने उद्देश्य को प्राप्त करने की दिशा में मंच में सक्रिय हैं।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की पहल के अंतर्गत स्कोप के तत्वावधान में एचपीसीएल ने कार्यबल में महिला भागीदारी को प्रोत्साहित करने और अपने कैरियर की उन्नति के लिए सक्षम वातावरण बनाने के लिए योगदान के तौर पर 12 चैंपियंस के समूह के रूप में दो वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों की प्रतिबद्धता की है।

महिला कर्मचारियों और महिला परिवार के महिला सदस्यों के लिए यह एक मंच जो उन्हें वृद्धाश्रमों का दौरा, विकलांग बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित करने जैसे परोपकारी अभियान से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होने का अवसर प्रदान करता है। यह मंच स्वास्थ्य, कार्यस्थल और घर से संबंधित महिलाओं की समस्‍याओं पर अधिक ध्यान देने में सफल हुआ है।

पिछले कुछ वर्षों में, एचपीसीएल ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के कल्याण के लिए विभिन्न सीएसआर पहल की हैं। इनमें आदिवासी और पिछड़े क्षेत्रों की बालिकाओं को शैक्षणिक, सामग्री और सामाजिक सहायता, बालिका विद्यालयों में शैक्षिक अवसंरचना का प्रावधान, स्वच्छता के लिए अवसंरचना का निर्माण (शौचालय ब्लॉक, स्कूलों में छात्राओं के लिए सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और भस्मक), छात्रवृत्ति, स्‍वच्‍छता अभियान के अंतर्गत जागरूकता उत्‍पति, सिलाई, ब्‍यूटिशियन, डेटा एंट्री आपरेटर, फ्रंट डेस्‍क एसोसिएट इत्‍यादि जैसे विभिन्‍न कौशल के माध्‍यम से रोजगार संवर्धन तथा प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) योजना के अंतर्गत मुफ्त एलपीजी कनेक्शन मुहैया कराया गया है।

  • परियोजनाएं 'नन्ही कली'
  • परियोजना 'नन्ही कली' उचित शैक्षणिक, सामग्री और सामाजिक समर्थन के माध्यम से आदिवासी और प्रवासी समुदायों में बालिकाओं की शिक्षा और महिला सशक्तिकरण में योगदान करती है। इसके परिणामस्वरूप स्कूल छोड़ने में कमी आती है और बालिकाओं का समग्र विकास होता है। मार्च 2020 तक इस कार्यक्रम से 1 लाख से अधिक किशोरियां लाभान्वित हो चुकी हैं।

  • परियोजनाएं उन्नति
  • प्रोजेक्ट उन्नति देश भर में वंचित छात्रों को बुनियादी कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करता है। एचपीसीएल ने विभिन्न सरकारी/सरकार से 6,500 से अधिक छात्राओं को लाभान्वित किया है। 2019-20 के दौरान सहायता प्राप्त स्कूल।

  • परियोजनाएं स्वावलंबन
  • प्रोजेक्ट स्वावलंबन रोजगारपरकता बढ़ाने के लिए उद्योग उन्मुख व्यापार में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करता है। 2019-20 के दौरान, एचपीसीएल ने देश भर में विभिन्न स्थानों में अपने केंद्रों के साथ 840 महिलाओं तक पहुंच बनाई है और परियोजना स्वावलंबन के तहत बेरोजगार युवाओं और महिलाओं के कौशल विकास में योगदान दिया है।

  • उद्यमिता विकास कार्यक्रम
  • ईडीपी एक महीने का आवासीय कार्यक्रम है जिसमें परीक्षण और साक्षात्कार का उपयोग करके सही उम्मीदवारों का चयन करना, व्यवहार में बदलाव लाना और उन्हें व्यवसाय स्थापित करने और चलाने के लिए ज्ञान और उद्यमिता कौशल प्रदान करना और इस तरह नौकरी चाहने वालों से नौकरी बनाने वालों में परिवर्तन को सक्षम करना शामिल है। . एचपीसीएल ने 2017 में दो बैच चलाए हैं जिसमें एक बैच विशेष रूप से महिलाओं के लिए है। ईडीपी चरण II के तहत पैंतीस (35) अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति महिला उद्यमियों का विकास किया गया।

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