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कम्‍प्रैस्‍ड जैव गैस  बैनर

कम्‍प्रैस्‍ड जैव गैस (सीबीजी):

भारत सरकार ने 16 मई, 2018 से प्रभावी जैव ईंधन-2018 की राष्‍ट्रीय नीति विस्‍तार किया है। यह नीति आगामी दशक में ऊर्जा एवं परिवहन के क्षेत्रों में जैव ईंधन के उपयोग में वृद्धि लाए जाने के लिए लक्षित है।

इस नीति से निम्‍नलिखित लाभ प्राप्‍त किए जाने लक्ष्‍यबद्ध हैं।

  • कच्‍चे तेल एवं एलएनजी के आयात में कमी लाना जिससे विदेशी मुद्रा की विशाल बचत संभव हो सकेगी।
  • घरेलू फीडस्टॉक के उपयोग, विकास को बढ़ावा देने और जैव ऊर्जा के उत्पादन के लिए इसका उपयोग करने जिससे राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा में योगदान के साथ साथ विकल्‍प के तौर पर जीवाश्म ईंधन का बढ़ सकेगा।
  • जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण अल्‍पीकरण एवं नियंत्रण
  • संधारणीय तरीके से रोजगार के नए अवसरों का निर्माण करना
  • जैव ईंधन की उत्‍पति के लिए उन्‍नत प्रौद्योगिकियों की उपयोज्‍यता को प्रोत्‍साहित करना।

देश में उद्योग / एचपीसीएल द्वारा अनेक जैव परियोजनाएं प्रारंभ की गई जिनमें भारत सरकार के सतत (सस्टेनेबल विकल्प प्रति किफायती परिवहन की दिशा में) प्रयास के अंतर्गत कम्‍प्रैस्‍ड जैव गैस (सीबीजी) परियोजनाओं सहित अनेक जैव ईंधन परियोजनाएं शामिल हैं जिसके लिए 2023-24 तक 5000 सीबीजी संयंत्रों से 15 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) के उत्‍पादन के लक्ष्‍य की संकल्‍पना की गई है।

कृषि अवशिष्‍ट, पशु विष्‍ठा, गन्‍ने की पीसी हुई छाल, नगरीय ठोस अपशिष्‍ट, सीवेज उपचार संयंत्र अपशिष्‍ट इत्‍यादि जैसे अपशिष्‍ट/ जैव-ईंधन के उपयोग से अवायवीय अपघटन के माध्यम से जैव-गैस की उत्‍पति की जाएगी। जैव-गैस में से हाइड्रोजन सल्‍फाइड (एच2एस), कार्बन डायोक्‍साइड (सीओ2), जल वाष्‍प को हटाए जाने एवं इसे कम्‍प्रैस्‍ड जैस गैस (सीबीजी) का स्‍वरूप प्रदान करने के लिए कम्‍प्रैस करके शुद्धिकरण की प्रक्रिया की जाती है जिसमें मैंथेन (सीएच4) के तत्‍व 90% से भी अधिक होते हैं। सीबीजी में कैलोरिफिक वैल्‍यू है तथा इसके अन्‍य लक्षण सीएनजी के समान है जिससे इसका उपयोग नवीकरणीय ऑटोमोटिव ईंधन के रूप में किया जा सकता है। इस प्रकार देश में उपलब्‍ध जैव-ईंघन की प्रचूर मात्रा को विचार में लेते हुए यह ऑटोमोटिव, औद्योगिक एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों में सीएनजी का स्‍थान ले सकती है।

उपर्युक्‍त योजना के अंतर्गत तेल विपणन कम्‍पनियों (ओएमसी) ने 1.10.2018 से सीबीजी संयंत्रों की स्‍थापना करने, उत्‍पादन करने तथा तेल विपणन कम्‍पनियों को सीबीजी की आपूर्ति के लिए योग्‍य उद्यमियों से ईओआई (रूचि अभिव्‍यक्ति) प्राप्‍त करने के लिए एनआईईओआई (रूचि अभिव्‍यक्ति का नोटिस) जारी कर दिया है। अब प्राप्‍त रूचि अभिव्‍यक्तियों के मूल्‍यांकन में तेजी लाने के उद्देश्‍य से मासिक आधार पर एनआईईओआई जारी किए जा रहे हैं। रूचि अभिव्‍यक्ति की प्रस्‍तुति के लिए एनआईईओआई 30.6.2021 तथा आगे तक, यदि अपेक्षित हुआ, उपलब्‍ध रहेंगे। रूचि अभिव्‍यक्ति से संबंधित पूर्ण विवरण ज्ञात करने के लिए इच्‍छुक उद्यमी/पार्टियां एचपीसीएल की वेबसाइट (www.hindustanpetroleum.com) में निविदाएं एवं अनुबंध के अंतर्गत (सार्वजनिक निविदाएं पर क्लिक करके ईओआई अथवा सीबीजी सर्च कर सकते हैं) अथवा भारत सरकार के केन्‍द्रीय लोक प्रापण पोर्टल (https://eprocure.gov.in/cppp/)पर विजिट कर सकते हैं।

वर्ष 2020-21 के दौरान, एचपीसीएल ने 635 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले 100 नए सीबीजी संयंत्रों की स्थापना के लिए एलओआई जारी किया, जिसमें 841 टन प्रतिदिन की क्षमता वाले 151 एलओआई को संचयी रूप से लिया गया, जिसमें आने वाले समय में कई और एलओआई जारी किए जाएंगे।

इन संयंत्रों से उत्‍पन्‍न होने वाली सीबीजी का परिवहन जल माध्‍यमों (अथवा पाइपलाइनों के माध्‍यम से, यदि व्‍यवहार्य हुआ) से तेल विपणन कम्‍पनियों के रिटेल आउटलेटों (ईंधन स्‍टेशन) तक हरित परिवहन ईंधन विकल्‍प के रूप में विपणन के लिए किया जाएगा।

अधिक जानकारी के लिए, कृपया 'सतत (सीबीजी - कम्प्रेस्ड बायो-गैस)'  पर देखें।

सीबीजी के लिए ईओआई आमंत्रित करने की सूचना (3.5 एमबी)PDF File Opens in a new window